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Tu Aag Hai - तू आग है ( Hindi Edition ) | Author - Urmi Rumi

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Highlights

कविता दर्द से निकली है । जब क्रोंच पक्षी को व्याध ने मार गिराया और मादा विलाप करने लगी तो ऋषि वाल्मीकि के ह्रदय की वो सभी तंत्रिकाएं झनझना उठीं जो कविता लेखन के लिए छेड़ी जानी चाहियें। कविता पहले अंदर पनपती है, कोई बात आपको लग जानी चाहिए, आत्मा तक। फिर वो धीरे धीरे आपकी ही आत्मा के टुकड़ों को खाती हुई बढ़ने लगती है, आत्मा के कतरों से लिपटी, विकसित होने लगती है और फिर उसका प्रसव होता है - फिर कविता जन्मती है। ये किताब बस कुछ कवितायेँ नहीं हैं। गौर से शीर्षक पढियेगा, उनमें भी अपनी एक कहानी है। बार बार यही प्रक्रिया दोहराने और तकलीफ के बावजूद भी उसमें बहुत मन लगाने का नतीजा है 'तू आग है'। पेश है, मेरे दिमाग की उपज। मेरे दर्द से निकली, मेरी रूह से उत्पन्न , कुछ कवितायेँ जो हम सब की कहानियां हैं - ज़िन्दगी की कहानियां हैं। ज़िन्दगी का जश्न भी हैं।