Pratyaasha । प्रत्याशा ( Hindi Edition ) | Author - Anumita Sharma
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Highlights
प्रत्याशा’ एकाकी परिदृश्यों को उजागर करती है। ये कहानियाँ उनकी हैं जो जीवन के किसी न किसी मोड़ पर ख़ुद को अकेला पाते हैं। एकांत दुखदायी होता है लेकिन कल्पनाओं को पंख भी दे सकता है। इन ग्यारह कथाओं में हम वास्तविकता की सतह की पड़ताल करते हुए अवचेतन मन में दबी विकृत आकांक्षाओं और रोमांचक भय का सामना करते हैं। कल्पना में जादू कोई भ्रम नहीं; यहाँ प्रतिदिन कुछ रहस्यमय मिलता है और डरावना भी। इन रास्तों में अतीत के प्रति खिंचाव, प्रेम की चाह, साहचर्य की कामना, दिल टूटने का दर्द, वृद्धावस्था और मृत्यु के पुराने प्रश्न, और कोरोना जैसी नई उलझनों के साथ, अपनी जानी-पहचानी दुनिया का एक जटिल संस्करण है। पात्र अँधेरे में टटोलते हुए आगे बढ़ते हैं, और अप्रत्याशित तरीकों से उस सीमा को छू लेते हैं, जहाँ सामान्य जीवन भी अलौकिक में बदल जाता है। प्रत्येक कहानी आपके दिल को छुएगी और आपके सपनों को चकनाचूर कर देगी।